विद्यालय (नन्ही दुनिया)
विद्यालय
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विद्यालय को तू मंदिर मान
बसता ईश्वर अल्लाह जान
संस्कार पुष्पित पल्लवित होते
मिलता जीवन का सारा ज्ञान
विद्यालय को तू मंदिर मान
साथ बैठ मिल सब जन पढ़ते
सुनहरे भविष्य की मूरत गढ़ते
खेल खेल में लड़ते झगड़ते
जाति भेद से हैं अनजान
विद्यालय को तू मंदिर मान
पढ़ें पाठ जाने अनुशासन
करें देश पर बढ़िया शासन
धर्म जाति का भेद न करते
न्याय करते एक समान
विद्यालय को तू मंदिर मान
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
२४-१२-२०१२
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